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अल-ख़्वारिज़्मी का जीवन | अल-ख़्वारिज़्मी कौन थे? | Al-Khwarizmi Biography in Hindi | Who was Al-Khwarizmi? Father of Algebra |


                 अल-ख़्वारिज़्मी


           नाम: अल-ख़्वारिज़्मी
           
           जन्म: 780 ई०, उज़बेकिस्तान
    
           मुख्य योगदान: अलजेब्रा के जनक,अलगोरिदम के प्रथम उपयोगकर्ता
 
           मृत्यु: 850 ई०

जन्म:
                  अल-ख़्वारिज़्मी का पूरा नाम मुहम्मद इब्न मूसा  अल-ख़्वारिज़्मी था। यह इस्लामी स्वर्ण युग के महान गणितज्ञ,खगोलविद,वैज्ञानिक और भूगोलवेत्ता थे।
इस महान गणितज्ञ का जन्म 780 ई० में एशिया के बीच स्थित एक देश उज़्बेकिस्तान के एक प्रांत  ख्वारिज्म में हुआ था।

कार्यक्षेत्र:

                 उनके जीवन से संबंधित बहुत अधिक जानकारी तो उपलब्ध नहीं है हमें इतनी जानकारी जरूर उपलब्ध है कि वह 9 वीं शताब्दी की शुरुआत में ही बगदाद आए थे। उस समय बगदाद एक बहुत बड़े इस्लामिक सल्तनत की हुकूमत का केंद्र था और शक्तिशाली खिलाफते अब्बासिया की हुकूमत वहां स्थित थी। अल-ख्वारिज्मी खलीफा अल मामून के लिए काम करते थे खलीफा अल मामून खुद ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में काफी रुचि रखने वाले और इस क्षेत्र में विकास के पक्षधर थे। अल-ख्वारिज्मी खलीफा अल मामून द्वारा बनाई गई संस्था 'बैतूल हिकमा' यानी 'हाउस ऑफ विज़्डम' में उस दौर के बेहतरीन दिमागों के साथ काम करते थे। अल-ख्वारिज्मी के नेतृत्व में खलीफा अल मामून ने सूर्य और चंद्रमा की गतियों की गणना के लिए एक टीम बनाई,इसी टीम ने विभिन्न तारों की गति और कलाओं से संबंधित एक तालिका का निर्माण किया। 

योगदान:

                  खलीफा अल मामून ने दुनिया के नए नक्शे को बनाने की जिम्मेदारी भी अल ख्वारिज्मी और उनकी टीम को ही दी क्योंकि टॉलोमी द्वारा बनाए गए के नक्शे में मुसलमानों के उस दौर के 2 बड़े शहरों मक्का और दारुल हुकूमत बगदाद को नहीं दिखाया गया था। 
अल-ख्वारिज्मी ने अपने साथी वैज्ञानिकों के साथ मिल इन दोनों शहरों के बीच की दूरी को मापने का इरादा किया इसके लिए उन्होंने गणनाएँ इक्ट्ठी करनी शुरू की और दोनों शहरों के बीच की दूरी ज्ञात की जिसमें वर्तमान की गणना कीतुलना में 2% से भी कम गलती थी। 
833 ई० में अल-ख्वारिज्मी ने एक किताब 'सुरतुल अर्ज ' यानी दुनिया की तस्वीर भी लिखी जिसकी वजह से उन्हें इस्लामिक इतिहास के पहले भुगोलवेत्ता होने का भी सम्मान प्राप्त है। बीजगणित के ऊपर दुनिया की पहली किताब 'अल-किताब-अल-मुख्तसर-फी-हिसाब-अल-जबर-वल-मुकाबला' लिखने का श्रेय भी अल ख्वारिज्मी को ही जाता है जिस कारण से बीजगणित को पूरी दुनिया में अलजेब्रा के नाम से जाना जाता है। अलजेब्रा में अल-ख्वारिज्मी द्वारा किए गए काम को उनके जीवन का सबसे बेहतरीन काम माना जाता है। 
विभिन्न गणितीय गणनाओं और कंप्यूटर में जिस एल्गोरिदम का प्रयोग किया जाता है उसकी खोज भी अल-ख्वारिज़्म ने ही की थी और वास्तविकता यह है कि एल्गोरिदम अल-ख्वारिज्मी का ही लैटिन भाषा में नाम है।
अल-ख्वारिज्मी ने अपने जीवन का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण काम अंक गणित के क्षेत्र में किया उन्होंने 'हिंदू अरेबिक न्यूमेरल्स सिस्टम' का परिचय सबसे पहले पश्चिमी दुनिया को करवाया, उन्होंने ही अंकगणित की गणनाओं को 'हिंदू अरेबिक न्यूमेरल्स सिस्टम' से हल करने का तरीका विकसित किया।
दुनिया का सबसे बेहतरीन पहला नक्शा अल ख्वारिज्मी ने ही बनाया था।
आज दुनिया अलजेब्रा की मदद से जो वैज्ञानिक तरक्की कर रही है और कंप्यूटर तथा इंटरनेट का धड़ल्ले से जो इस्तेमाल हो रहा है उसका श्रेय अल-ख्वारिज्मी को ही जाता है। 
अल-ख्वारिज्मी के सम्मान में सोवियत यूनियन ने 1983 ई० में एक डाक टिकट भी जारी किया इसके अलावा ईरान में वैज्ञानिकों को अल-ख्वारिज्मी के नाम पर एक इंटरनेशनल अवार्ड भी दिया जाता है।
             
मृत्यु:
      इस महान वैज्ञानिक और गणितज्ञ का 850 ई० में बगदाद में देहांत हो गया। दुनिया इस महान वैज्ञानिक के योगदानों के लिए सदा आभारी रहेगी।

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